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आज के जीवन पे कुछ पंगतिया।

🔹नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात! बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!

🔹पानी आँखों का मरा, मरी शर्म और लाज! कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!

🔹भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास! बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!

🔹मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश! बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!

🔹बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान! पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!

🔹पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग! मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!

🔹फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर! पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर!

🔹पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!

भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप! अच्छी लगे तो आगे शेयर कीजिए नहीं तो रहने दिजिये। धन्यवाद॥॥॥

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