🍁🍁श्री कृष्णार्पणं अस्तु🍁🍁
🌾प्रश्न- सुख-दुःख क्या है? तथा इनकी निवृति कैसे हो??
🌾उत्तर- जगत मे सुख दुःख है ही नहीँ।हमें जो परिस्थितिया प्राप्त होती है,यदि वो मन के अनुकूल हो तो सुख हो गया यदि परिस्थितिया मन के प्रतिकूल हो गई तो दुःख हो गया।सुख दुःख वस्तुतः है नही,केवल हमारे बनाये हुए हैं।मन का होने तथा मन के विपरीत न होने से सुख तथा मन का न होने अथवा मन के विपरीत होने से दुःख होता है।
इसकी निवृति का सीधा तरीका है,जो हो जाये उसमे प्रसन्न रहो क्योकि जो होना है वह तो होकर रहेगा ही।उसको रोकना हमारे बस मे है क्या???
🌳--श्रद्धेय स्वामी रामसुखदासजी के प्रवचन का सार। ।
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