Skip to main content

श्री कृष्ण की अत्यंत सुन्दर कथा।

अत्यंत सुन्दर कथा ...........

***********************
🙏 जय श्री कृष्ण👏 जय श्री कृष्ण

एक बार की बात है महाभारत के युद्ध के बाद भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन द्वारिका गये पर इस बार रथ
अर्जुन चलाकर के ले गये। द्वारिका पहुँचकर अर्जुन बहुत थक गये इसलिए विश्राम करने के लिए अतिथि भवन में चले गये।
शाम के समय रूक्मनी जी ने कृष्ण को भोजन परोसा तो कृष्ण बोले घर में अतिथि आये हुए है हम उनके
बिना भोजन कैसे कर ले।रूक्मनी जी ने कहा भगवन आप आरंभ करिये मैं अर्जुन को बुलाकर लाती हूँ ।
जैसे ही रूक्मनी जी वहाँ पहुँची तो उन्होंने देखा कि अर्जुन सोये हुए हैं और उनके रोम रोम से कृष्ण नाम की ध्वनि प्रस्फुटित हो रही है तो ये जगाना तो भूल गयीं और मन्द मन्द स्वर में ताली बजाने लगी । इधर नारद जी ने कृष्ण से कहा भगवान भोग ठण्डा हो रहा है कृष्ण बोले अतिथि के बिना
हम नहीं करेंगे। नारद जी बोले मैं बुलाकर लाता हूँ नारद जी ने वहां का नजारा देखा तो ये भी जगाना भूल गये और इन्होंने वीणा बजाना शुरू कर दिया । इधर सत्यभामा जी बोली प्रभु
भोग ठण्डा हो रहा है आप प्रारंभ तो करिये । भगवान बोले हम अतिथि के बिना नहीं कर सकते । सत्यभामा जी बोलीं मैं बुलाकर लाती हूँ । ये वहाँ पहुँची तो इन्होंने देखा कि अर्जुन
सोये हुए हैं और उनका रोम रोम कृष्ण नाम का कीर्तन कर रहा है और रूक्मनी जी ताली बजा रही हैं नारद जी वीणा बजा रहे हैं तो ये भी जगाना भूल गयीं और इन्होंने नाचना
शुरू कर दिया । इधर भगवान बोले सब बोल के जाते हैं भोग ठण्डा हो रहा है पर चिन्ता किसी को नहीं है
चलकर देखता हूँ वहाँ ऐसा क्या हो रहा है जो सब हमको ही भूल गये। प्रभु ने वहाँ जाकर के देखा तो वहाँ तो स्वर लहरी चल रही है । अर्जुन सोते सोते कीर्तन कर रहे हैं,
रूक्मनी जी ताली बजा रही हैं, नारद जी वीणा बजा रहे हैं, और सत्यभामा जी नृत्य कर रही हैं ।

ये देखकर भगवान के
नेत्र सजल हो गये और मेरे प्रभु ने अर्जुन के चरण दबाना शुरू कर दिया । जैसे ही प्रभु के नेत्रों से प्रेमा श्रुओ की बूँदें अर्जुन के चरणों पर पड़ी तो अर्जून छटपटा के उठे और बोले प्रभु ये क्या हो रहा है । भगवान बोले, अर्जुन मै जानता हूं कि तुमने मुझे रोम रोम में बसा रखा है इसीलिए तो तुम मुझे सबसे अधिक प्रिय हो और गोविन्द ने अर्जून को गले से लगा लिया।।।

लीलाधारी तेरी लीला,
भक्त भी तू , भगवान भी तू ,
करने वाला भी तू ,  कराने वाला भी तू

बोलिये भक्त और भगवान की जय।। प्यार से बोलो जय श्री कृष्ण
🙏 जय श्री कृष्ण👏 जय श्री कृष्ण
🙏 जय श्री कृष्ण👏 जय श्री कृष्ण

👣👏चरण उनके ही पूजे जाते हैं, जिनके आचरण पूजने योग्य होते हैं।👣👏

Comments

Popular posts from this blog

श्री भक्तमाल कथा।

✨श्री भक्तमाल कथा✨ 🔸श्री गोवर्धन नाथ श्रीनाथजी के एक भक्त हुए जिनका नाम श्री त्रिपुरदासजी था। इन्होंने ऐसी प्रतिज्ञा की थी कि मैं प्रतिवर्ष शीतकाल में ठाकुर श्री गिरि...

कबीर दास।

एक समय की बात है कबीर दास जी गंगा स्नान करके हरी भजन करते हुए जा रहे थे, वो एक गली में प्रवेश कर निकल रहे थे, गली बहुत बड़ी थी, उनके आगे से रस्ते में कुछ माताएं जा रही थी, उनमे से एक क...

तुलसी बाबा कहते हैं।

कुछ व्यक्ति सोचते हैं की अपना जीवन ऐसा हो जिसमे कोई दुःख ना हो। और सारा अनमोल जीवन नश्वर सुख को पाने में खो देता है। लेकिन मेरे तुलसी बाबा कहते हैं:-    "निर्धन कहे धनवान सुखी,  ...