Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2015

गीता जी में श्रीकृष्ण भगवान के नामों के अर्थ।

गीता में श्रीकृष्ण भगवान के नामों के अर्थ अनन्तरूपः जिनके अनन्त रूप हैं वह| अच्युतः जिनका कभी क्षय नहीं होता, कभी अधोगति नहीं होती वह| अरिसूदनः प्रयत्न के बिना ही शत्रु का ...

9 आदतों से सुधरें अपना घर-जीवन।

नौ (९) आदतों से सुधारें अपना घर  - जीवन :                   🙏 १) 👉 :: अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ह...

हमारे कर्म।

एक चित्रकार था, जो अद्धभुत चित्र बनाता था। लोग उसकी चित्रकारी की काफी तारीफ़ करते थे। एक दिन कृष्ण मंदिर के भक्तों ने उनसे कृष्ण और कंस का एक चित्र बनाने की इच्छा प्रगट की। च...

भगवन को प्रसाद क्यों चढ़ाते हैँ ?

भगवान को प्रसाद क्यों चढ़ाते हैं? हमारे हिन्दू धर्म में भगवान को प्रसाद चढ़ाने की यानी भोग लगाने की परंपरा है। अधिकांश लोग रोजाना विधि-विधान से भगवान की पूजा भले ना करें प...

पीपल क्यों पूजते है।

पीपल क्यों पूजते है पीपल के वृक्ष को हिंदुओं में देवताओं का निवास स्थान बताया गया है। ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवता पीपल में निवास करते हैं। मृत हिंदू के लिए एक घट पीपल ...

सत्संग तारता है कुसंग डूबता है।

> सत्संग तारता है कुसंग डुबोता है:- एक आवश्यक बात ध्यान में रखो। सत्संग तारता है और कुसंग डूबोता है। अच्छे संग से अच्छे संकल्प तथा कर्म होते हैं। मंथरा दासी के संग से कैकेयी ...

भगवन की प्लानिंग।

((((( भगवान की प्लानिंग ))))) . एक बार भगवान से उनका सेवक कहता है, भगवान आप एक जगह खड़े-खड़े थक गये होंगे. . एक दिन के लिए मैं आपकी जगह मूर्ति बन कर खड़ा हो जाता हूं, आप मेरा रूप धारण कर घूम आ...

श्रीराधा जन्म कथा।

"श्रीराधा " जन्म कथा …… धार्मिक कथाओं के अनुसार, आज से पांच हजार दो सौ वर्ष पूर्व मथुरा जिले के गोकुल-महावन कस्बे के निकट "रावल गांव" में वृषभानु एवं कीर्तिदा की पुत्री के रूप ...

डेंगू का उपचार।

मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें..... डेंगू का उपचार: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रह...

श्री कृष्ण और रुक्मणी।

एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद, श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया। दूध ज्यदा गरम होने के कारण श्री कृष्ण के हृदय में लगा और उनके श्रीमुख से निकला- " हे राधे ! " सुनते ही रुक्मणी बोली- प...