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तुलसी की महिमा।

श्री तुलसी जी का चमत्कार श्री ठाकुर साहिव लदाणा(जयपुर) के पास एक मुसलमान सज्जन आए। उनके गले में "तुलसी की कंठी" बंधी थी। ठाकुर साहिब ने पूछा कि आप मुसलमान होते हुए "तुलसी की कंठी" कैसे पहने हुए है। उत्तर में उन्होंने कहा एक बार मैंने प्रत्यक्ष बड़ा चमत्कार देखा है। इसलिए तब से यह "तुलसी की माला" हमेशा रखता हूँ। चमत्कार क्या देखा सो आप से निवेदन करता हूँ- एक समय मै पैदल ही किसी दुसरे गाँव जा रहा था। रास्ते में जंगल था। उस जंगल में एक पेड़ के नीचे बड़े आकार के दो मानव मिले। मै डर गया। मुझे डरा देख उन्होंने कहा डरो मत। हम यमराज के दूत हैं। अभी थोड़ी देर में एक आदमी गाडी लेकर आएगा उसके बैलो की जोती टूट जाएगी। फिर हम बैल रुपी काल बन कर उसको मार कर यमलोक ले जाएगे। यह सुन कर मै वहाँ ठहर गया। थोड़ी देर बाद गाड़ीवान गाडी लेकर आया। गाडी टूट गई गाड़ीवान ठीक करने के लिए नीचे उतरा उसी समय बैल ने उसके पेट में इतने जोर से सींग मारा कि वह पेड़ों के झुरमट में जा गिरा और उसके प्राण छुट गए। तब यम के दूत निराश हो कर मुझ से बोले - "कि हम तो खाली हाथ लौट रहे हैं अब हमारा इस पर अधिकार नहीं रहा। इसे भगवान के दूत ले जायेगे जो आप को नजर नहीं आए। मैंने यम दूतो से कारण पूछा - तब वे बोले कि उस झुरमट में तुलसी के पौधे थे। इसके शरीर से उनका स्पर्श हो गया। इसे यम लोक ले जाने का अधिकार नहीं रहा। इस लिए मैंने जब स्वयं तुलसी का चमत्कार देखा, तभी से मैं तुलसी की माला पहनता हूँ। सभी वैष्णवों भक्तो को तुलसी की माला जरूर धारण करनी चाहिए। जब केवल तुलसी जी का स्पर्श करने से उस व्यक्ति को यमराज के दुतो ने हाथ नहीं लगाया ठाकुर जी के सेवक ल्रने आये। तो अगर हम सब भी तुलसी की माला धारण करेंगे तो ठाकुर जी कितनी कृपा करेंगे। जय श्री राधे... जय श्री हरिदास...

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