8.भगवान जगत के गुरु है-'कृष्णम् वन्दे जगद्गुरुम्'
भगवान जगत के गुरु हैं और हम भी जगत् के भीतर ही है।इसलिये वास्तव में हम गुरु से रहित नही है।हम असली महान गुरु के शिष्य है।कलियुगी गुरुओं से बड़ा खतरा है,पर जगद्गुरु भगवान से कोइ खतरा नही है! कोरा लाभ ही लाभ है,नुकसान कोई है ही नहीं।
इसलिये भगवान को गुरु माने और उनकी गिताको पढे,उसके अनुसार अपना जीवन बनाये तो हमारा निश्चित रूप से कल्याण हो जाएगा।- -
भगवान के साथ जीवमात्र का स्वतंत्र सम्बन्ध है।
उसमे किसी दलाल की जरूरत नही है।(पृष्ट 37-38 में से)
में परमात्मा का हूँ परमात्मा मेरे हैl
Comments
Post a Comment